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कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी की कुत्ते के काटने से मौत

susheelyadav12312@gmail.com
3 months ago

 

कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी की कुत्ते के काटने से मौत – एक चौंकाने वाली घटना –

Category: खेल समाचार
Tags: बृजेश सोलंकी, कबड्डी खिलाड़ी, कुत्ते का काटना, रेबीज मौत, खेल जगत की खबर


परिचय

खेल जगत से एक बेहद दुखद और हैरान करने वाली खबर सामने आई है। मध्यप्रदेश के उभरते हुए कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी की मौत कुत्ते के काटने के कारण हो गई। यह घटना न सिर्फ खेलप्रेमियों को बल्कि पूरे देश को झकझोर देने वाली है। एक होनहार खिलाड़ी को समय पर इलाज न मिलने के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था और जन जागरूकता की पोल खोल कर रख दी है।


घटना कैसे हुई?

बताया जा रहा है कि बृजेश सोलंकी को कुछ सप्ताह पहले एक पागल कुत्ते ने काट लिया था। कुत्ते के काटने के बाद शुरुआती समय में उन्होंने इलाज को हल्के में लिया और समय पर एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं लगवाया। जैसे-जैसे समय बीतता गया, बृजेश की तबीयत बिगड़ती चली गई और अंततः रेबीज के संक्रमण ने उनकी जान ले ली।


बृजेश सोलंकी – एक होनहार खिलाड़ी

बृजेश सोलंकी कबड्डी की दुनिया में एक उभरता हुआ नाम था। उन्होंने कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया था और कई पदक भी अपने नाम किए थे। युवा खिलाड़ियों के लिए वे प्रेरणा बनते जा रहे थे। उनकी मेहनत और जुनून ने उन्हें कबड्डी के मैदान में अलग पहचान दिलाई थी।


रेबीज – एक जानलेवा लेकिन रोके जाने वाला रोग

रेबीज एक ऐसा वायरस है जो आमतौर पर कुत्ते के काटने से शरीर में प्रवेश करता है। यदि समय रहते एंटी रेबीज वैक्सीन न दी जाए तो यह नर्वस सिस्टम पर असर डालता है और मौत का कारण बनता है। इस बीमारी का एक बार लक्षण दिखने के बाद इलाज संभव नहीं होता। इसलिए, समय पर वैक्सीन और प्राथमिक इलाज ही इसका एकमात्र बचाव है।


स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही?

इस घटना से कई सवाल उठ रहे हैं –

  • क्या बृजेश को समय पर मेडिकल सुविधा मिली?

  • क्या उसके गांव/इलाके में एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध थी?

  • क्या स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उन्हें जरूरी जानकारी दी थी?

अगर समय पर सही जानकारी और इलाज मिलता, तो शायद आज बृजेश हमारे बीच होता।


जनजागरूकता की कमी

आज भी कई ग्रामीण इलाकों में लोग कुत्ते के काटने को मामूली बात मानते हैं। वे घरेलू इलाज या झाड़-फूंक पर भरोसा करते हैं, जिससे कई बार जान भी चली जाती है। बृजेश की मौत ने यह साफ कर दिया कि जनजागरूकता की बेहद कमी है और इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य संस्थानों को ठोस कदम उठाने होंगे।


खेल जगत में शोक की लहर

बृजेश की असमय मौत से खेल जगत में गहरा शोक है। उनके साथी खिलाड़ी, कोच और प्रशंसक सदमे में हैं। सोशल मीडिया पर कई खिलाड़ियों और खेल संघों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार से ठोस कदम की मांग की।


सरकार और समाज की जिम्मेदारी

इस दुखद घटना से हम सभी को यह सीख लेनी चाहिए कि

  • कुत्ते या किसी जानवर के काटने पर इलाज में देर न करें।

  • रेबीज एक 100% प्रिवेंटेबल बीमारी है।

  • सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में मुफ्त वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।

  • स्कूलों और खेल संस्थानों में नियमित रूप से रेबीज के प्रति जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।


निष्कर्ष

बृजेश सोलंकी जैसे होनहार खिलाड़ी की इस तरह की मौत बेहद दुखद और शर्मनाक है। यह एक चेतावनी है कि हम छोटी-सी लापरवाही से अपने भविष्य को खो सकते हैं। समय पर इलाज और सही जानकारी ही हमारी जान बचा सकती है। सरकार, स्वास्थ्य विभाग और आम जनता सभी को मिलकर ऐसे हादसों को रोकने की दिशा में काम करना चाहिए।


श्रद्धांजलि:
🙏 बृजेश सोलंकी को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि। ईश्वर उनके परिवार को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति दे।

नीचे चार तस्वीरें हैं जो बृजेश सोलंकी की पहचान, खबर और उसकी वर्तमान स्थिति से जुड़ी जानकारी दर्शाती हैं:

    1. तीसरी और चौथी तस्वीरों में वह कबड्डी खिलाड़ी एक कार्यक्रम में ट्रॉफी के साथ दिख रहे हैं और बीमारी फैलने से पहले की तस्वीर हो सकती है

      पहली और दूसरी तस्वीर में बृजेश सोलंकी का व्यक्तिगत फोटो है, जिसे स्थानीय मीडिया द्वारा साझा किया गया marathi.indiatimes.com।

Categories: खेल समाचार
Tags: कबड्डी खिलाड़ी, कुत्ते का काटना, खेल जगत की खबर, बृजेश सोलंकी, रेबीज मौत
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