Category: समाज और सोच (Samaj aur Soch)

  • इंसान अब इंसान ना रहा

    इंसान अब इंसान ना रहा: एक बदलती सोच की कहानी

    परिचय- वक़्त के साथ इंसान ने तरक्की की, विज्ञान ने नए आयाम छुए, तकनीक ने ज़िंदगी को आसान बना दिया — मगर क्या इस सबके बीच हमने अपनी इंसानियत को कहीं खो तो नहीं दिया? आज हम जिस दौर में जी रहे हैं, वहां इंसान केवल शरीर से इंसान रह गया है, आत्मा, भावना और संवेदना जैसे शब्द अब किताबों तक सीमित होते जा रहे हैं।

    A.समाज में बदलती संवेदनाएं